world happiness index 2021

विश्व खुशहाली रिपोर्ट- 2020 के विभेद क्या है ? 

विश्व खुशहाली रिपोर्ट- 2020 के विभेद क्या है ?

 

विश्व खुशहाली रिपोर्ट 2020 संयुक्त राष्ट्र विकाश समाधान नैटवर्क (SDSN) द्वारा 20 मार्च 2020 को जारी की गई।यह रिपोर्ट इस श्रृंखाला की आठवी रिपोर्ट है। इसका प्रारंभ 2012 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया था। इससे 156 देशो कि निम्न 6 विभेदों के आधार पर रैकिंग कि गई है.

1. जीडीपी प्रति व्यक्ती

२. सामाजिक समर्थन

3. स्वास्थ जीवन प्रत्याशा

4. जीवन के विकल्प

5. उदारता

6. भ्रष्टाचार मे कमी

इस रिपोर्ट का विशेष जोर और खुशी के लिए वातावरण पर था जो विशेष रूप मे खुशी के लिए समाजिक वातावरण पर जोर देता है इस रिपोर्ट का आधार 2017| से 2019 के दौरान किया गया सर्वेक्षण था 2013 की पहली रिपोर्ट से २०२० कि रिपोर्ट मे देशो कि रैकिंग से हम आते हैं कि कि पाँच नार्दिक देश- फिनलैण्ड, डेनमार्क,नावे, स्वीडन और आइसलैण्ड सभी शिर्ष दस मे हमेशा अपना स्थान बनाने में कामयाब रहे है इसके साथ ही 2017, 2018 नार्वे, स्वीडन और आइसलैण्ड सभी दस देश हमेशा सामिल रहते हैं ।

 

 

हालाकि जब जीवन मूल्यांकन कि बात आती है तो उसमे में भी इन देशों का प्रदर्शन दुनिया के बाकी देशों से अच्छा ही रहता है। नार्दिक देश असाधारण रूपसे सिर्फ नागरिक कि खुशी तक सीमित नहीं रहते बकि बात लोकतंत्र की हो या राजनितिक अधिकारो कि इन देशों का प्रदर्शन समान्यत: बहुत अच्छा ही रहा है ।

कारण बताइए कि नार्डिक देशों को विश्व में प्रथम स्तरीय देशो क्यो माना जाता है।

विश्व के कई समाजिक सूचकांको जैसे भ्रष्टाचार में कमी नागरिको के बीच विश्वास सुरक्षा, समाजिक संमजस्य लैंगिक समानता, आय का वितरण, मानव विकाश सूचकांक तथा कई वैश्विक तुलनाओ में हमेशा नार्डिक देश ही शीर्ष पर रहा है। वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के पीछे मौजूदा अध्ययनो, सिद्धातो और आँकडो की समीक्षा के माध्यम से हम पाते है कि इन देशों के शीर्ष पर रखना महत्वपूर्ण भूमिका इन देशों के द्वारा सुनिश्चित होती है। इसमें इन संस्थानो के माध्यम से विश्वसनीय और व्यापक जनकल्याण की कार्यक्रम द्वारा अपने नागरिक को लाभ पहुंचता है।

* नार्दिक देशों द्वारा निम्न भूमिकाएं है –

1. इन देशों में आबादी की संख्या कम होना

2. पूरे देश में लगभग भौगोलिक समरूपता का होना ।

3. समाजिक पूँजी का उच्च स्तर होना।.

4. हर नागरिक की आय में सामानता का निम्न स्तर होना

5. जीवन मे विकल्प बनाने कि स्वतंत्रता

जैसे- आर्थिक सुरक्षा तथा नुकसान कि स्थिति मे सरकार का ह सहयोग आदि। कई अनुसंधान द्वारा यह सपस्ट हुआ है कि तुलनात्मक समाजिक अध्यन के द्वारा मानव सभ्यता की भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है।.

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1. विश्व खुशहाली सूचकांक 2021 में भारत का कौन सा स्थान है?

संयुक्त राष्ट्र की ओर से शुक्रवार को जारी वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट-2021 में भारत को 149 देशों में 139वां स्थान मिला है जबकि फिनलैंड शीर्ष पर है।

 

2. इंडिया हैप्पीनेस रिपोर्ट 2020 के अनुसार भारत का सबसे खुशहाल राज्य कौन सा है

ये सर्वेक्षण मार्च 2020 और जुलाई 2020 के बीच किया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार, देश भर के 16,950 लोगों ने भाग लिया और इन लोगों के अनुसार मिज़ोरम, पंजाब, अंडमान और निकोबार में रहने वाले लोग सबसे खुशहाल राज्य हैं।
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